भीतर बवंडर डोलता है, और हृदय ये बोलता है, टीस हर अपनी छुपा ले, सिसकियां गहरी दबा ले भीतर बवंडर डोलता है, और हृदय ये बोलता है, टीस हर अपनी छुपा ले, सिसकियां...
वक्त की रंजिश को तू ऐसे ना खोने दे हौसलों को ऐसे ना सोने दे, वक्त की रंजिश को तू ऐसे ना खोने दे हौसलों को ऐसे ना सोने दे,
आज झोपड़ी में है आज झोपड़ी में है
नहीं ऐसा नहीं है , वो वैसा ही दौड़ रहा है , सिर्फ हम बेहद सहम गए हैं, नहीं ऐसा नहीं है , वो वैसा ही दौड़ रहा है , सिर्फ हम बेहद सहम गए हैं,
वसुंधरा कहती है प्राण प्रिय हो तुम दुल्हन मुझे बनाने प्रिय आते हो तुम, वसुंधरा कहती है प्राण प्रिय हो तुम दुल्हन मुझे बनाने प्रिय आते हो तुम,
फिर भी जाने क्यों हर रोज़ सोने से पहले एक तकिया और अपने तकिये के पास रख देती हूँ, जा... फिर भी जाने क्यों हर रोज़ सोने से पहले एक तकिया और अपने तकिये के पास ...